हां.., वो कमजोरी नहीं ….,मेरी ताकत है..!
हां….., वो करीब नहीं मेरे…,
फिर भी हर पल उसकी आहट हैं…!!
हां.., नहीं छू सकती उसे….,
ना.., आंखो को सुकून मिला है अभी..!
हां…, नहीं देखी मुस्कुराहट.., उसके लबों पे अभी…,
हां…, नहीं देखी तकलीफ में बसी…, उसके आंखो की नमी…,
हां…, दिल उसका भी बार – बार रोया होगा…,
अक्श भर कर आंखों में.., ना रात भर वो सोया होगा…!!
हां…, थोड़ा- सा वो ज़िद्दी है..,
उम्मीद करीब होने की.., लगाया होगा…!
लोट आऊगी उसके पास…, बस यही सोच चुप होया होगा…!!
हां…, दिल में उसके हज़ारों सवाल भरे होगे…,
जवाबो में सिर्फ खामोशी …, ओर ख़ामोशी पाया होगा..!
हाां…, टूटे होगे दिल के जाने कितने ख्वाब उसके भी..,
ज़ार – ज़ार वो कांच- सा.., आज फिर बिखरा होगा…!!
काश…, बढ़ा एक कदम थोड़ा…, थोड़ा उसको चुप कराते…,
काश…, मोड लाते हर ख़ुशी…, और उसको थोड़ा सुकुं दिलाते..!
काश.., लग जाते यू ही गले से…,
के.., जुदाई जिसकी मौत हों…!!
काश.., समां जाते इस तरह से..,
के., बिछड़ने वाली बात ना हों…!
वजह.., मोहब्बत…,ओर दूरी की…,
कहीं कोई खबर ना हो…!!
बस.., इम्तेहान…, दूरियों भरी मोहब्बत का..,
कुछ अभी बाकी है….!
मेरी जान…, फिक्र ना कर…,
अभी तो मिलना बाकी है…,
अभी तो मरना बाकी हैं…!!