कहदे कोई…, उनको यारों..,
ना मुश्किल मेरी बढ़ाया करे..,
करते है फ़िक्र…, समझते हैं..,
पर बार- बार ना जताया करे…!
छोड़ के उनको.., हम भी यारो..,
बे- वफ़ा तो बन बैठे हैं…,
अब ओर ना कोई.., बहाना कर .,
ना यूं करीब आया करे…!
तन्हा है…, खुश हैं बहुत…,
इतना ही समझ जाया करे…,
यूं फ़िक्र जताकर गेरों से ..,
ना हमको यूं सताया करे…!
खुशी खुशी हाल को देखे..,
ना माजी में लोट आया करे..,
सफर है अलग…, राह भी जुदा..,
अब.., ना दिल को यूं तड़पाया करे…!
जब कर ही दिया है माफ दिल से…,
फिर क्यूं कर तकलीफ बढ़ाया करे…,
आगे बढ़े…, साथी की तरफ….,
ना ख़ुदको यूं घुटाया करे…!
ना लोटे अब चाहत में हमारी…,
हमको अब मुर्दा जाना करे…,
आकर फिर तलाश में हमारी…,
ना तड़प हमारी बढ़ाया करे…!
रहे हमेशा पहले जैसे…,
ना शिकन तक कोई दिखाया करे…,
करके अपनो का ख़्वाब पूरा…
ना दिल में रंज लाया करे…!
थामे किसी का हाथ मोहब्बत से…,
ना उसका दिल दुखाया करे…,
अलविदा ए साकी …! हमारा….,
ना अब ख़ुदको भटकाया करे….!
ना अब ख़ुदको भटकाया करे..!!
अलविदा…..