आखरी घड़ी हैं मेरी मोला,
शर्मसार ना मुझको करना तू,
अपनी रहमत के साए में,
सदा मेहफूज रखना तू,
हैं तू जो साथ मेरे मोला,
हर मुश्किल पार कर जाऊंगी,
मौला में दुनियां में भी,
मंजिल तक पहुंच जाऊंगी,
हैं मुश्किल बड़ी बे – बाक,
तूफानों ने भी घेरा हैं,
बचा ले खुदा मुश्किलों से तू,
बिन तेरे ना कोई मेरा हैं,
गर छोड़ा साथ तूने मोला,
मुश्किल में पड़ जाऊंगी,
अंधेरे में बसी इस दुनियां से,
ना मै जीत पाऊंगी,
गर दे तू साथ मेरा,
मुश्किले भी सह जाऊंगी,
मौला एक तेरे यकीं पर,
हर अंगारे पर चल जाऊंगी,
मदद फरमा खुदा! मदद फरमा,
गुनहगार ना मुझको होने देना,
या खुदाया! बंदी को अब,
शर्मसार ना होने देना,
शर्मसार ना होने देना…!!
लाज रखले खुदा मेरी,
ख़ामोश मेरी दुआए है,
सुन के तू हर दुआओं को,
इज्जत मेरी फरमा देना,
या खुदा! आखरी वक़्त है,
अब साथ निभा देना,
दोनों जहां में खुदा!
शर्मसार होने से बचा लेना..!!
शर्मसार होने से बचा लेना…!
(आमीन..)