वो चांद भी नजर आने को हैं..,
वो ईंद भी अब आने को हैं..,
चढ़ गई है खातूने…,चांद देखनें छतो पर…,
हम तो आंखे बंद किए तसव्वुर उनका कर रहे हैं..,
वो कहती है देखो कितना सुन्दर है चांद….।
काश। के इसमें दाग़ ना होता……..!
हम तसव्वुर बांधे यार का……हर दाग़ साथ अपनाने को..!
कैफियत अपनी क्या बताये यारो…,??
मुझे तो वो चांद से भी सुंदर लगता है….,
निगाहों में समाया चेहरा…तबस्सुम सी ले आता है…,
मैं क्या बताऊं कि, ईंद कब आएगी…??????
मेरे लिए तो उसका तसव्वर ही ईद बना देता है…।
कभी तो होगा वो चांद भी.., किसी रोज तो हमारी करीब…,
खूब दीदार करके उसका.., निगाहों से बचा लेंगे…,
खुला ना छोड़ेंगे एक पल को…., बस दुनिया से छुपा लेंगे..।
आएगा चांद खुद अपने दीदार को.,
क्या बताएं..,ऐ दिल अजीज़ो …!हम तो उसी वक्त ईंद मना लेंगे..!
ना होंगी सजी सजावटी..,ना नए लीबस होंगे..,
दीदार से ही एक पल में .,हम खुद से संवर जाएंगे…!
मुंह ना हुआ धुला भी तो क्या…???
एक झलक उनकी चमका देंगी ….,
रोंनकें होंगे चारों तरफ और ,दिल को हमारी महका देंगी…,
बेताब है अब चांद देखने को…,बस जल्द एक दीदार दिख जाए…,
इन्तजार नहीं होता एक पल भी …,
क्यों ना अब ईंद हों जाए…??…।
Superb
Shukriya g
Waah guru tussi to chha gaye
Shukriya jnab
Wowww
Shukriya sista