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एक हसीन चेहरा…#लव #खुशी #गम

मुझे याद नहीं वो तारीख…. ,जब हम पहली बार मिले थे..।

मुझे याद नहीं वो दिन… जब हम पहली बार साथ हंसे थे…।

हां… याद नहीं वह तारीख… जब मैंने तुम्हें फसाया था,

कहा था तुमने .., बनोगी मेरी मां की जली- कटी सुनने वाली..??,

और मैंने हां में सर हिलाया था…..।

हां याद नहीं वह तारीख भी…, जब ढेरों सपने हमने सजाए थे।

पीरों के एक-एक सपनों का मोती …,आश्यां हमने सजाया था।

याद नहीं वह तारीख भी…, जब घरवालों से तुमने मिलाया था..।

मां..,भाभी, भाई के रूप में.., हर एक रिश्ता सजवाया था..।

याद नहीं वह तारीख भी…, जब तुमने भाइयों की मुंह से मुझे भाभी कहलवाया था..।

सजाकर बिठाया हर एक रिश्ते में…. ,इतना सम्मान दिलाया था…।

एक तारीख मुझे जुदा होने की…., आज भी देखो याद नहीं..।

एक तारीख तेरे बिन सोने की…., मुझको यह भी याद नहीं…।

एक तारीख तेरे बिन रोने की…., मुझे यह भी याद नहीं…।

याद है बस हसीन चेहरा…., दाढ़ी से नूर झलकता है…।

छोटी सी नाक…., प्यारी सी आंख…, हर कोई देखने को तरसता है….।

हाथों की अंगुलियां तुम्हारी ….., मेरे हाथों से भी छोटी है..।

टमी (tummy) तुम्हारी मुझसे …, बस थोड़ी सी मोटी है…।

गले लगाने पर तुम्हारे .., दिल तक तो पहुंच जाती हूं….।

हाइट (hight) को तुम्हारी…., अपने से बड़ी बताती हूं…।

याद है मुझे वो तुम्हारा …. ,बस प्यार से खिल जाना…।

याद है मुझे वो तुम्हारा…, मुझे मनाने की जगह., खुद रूठकर बैठ जाना…।

याद है तुम्हारी हजारों बातें…, हर एक पल में बसे हो तुम..।

कैसे कह दूं खत्म हो गई कविता….,

अभी तो जाने मेरे.., कितने पन्नो के हिस्से हो तुम…।।

4 Replies to “एक हसीन चेहरा…#लव #खुशी #गम

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