कशमकश से दोराहे पे खड़ी ज़िन्दगी….,
ये कशमकश मेरी उलझने बढ़ते ही जाता हैं…।
ढलता चांद.., निकलता सुरज…, अब वक़्त बढ़ाते जाता हैं…।।
बढ़ते हर एक पल पल में.. अहसास बढ़ाए जाता है..,
दोस्त, अज़ीज़, साथी मेरे सब छूटता सा जाता है…,
दिल करता है रोक दू मै.., हर पल अज़ीजो के लिए..।
अपनों की ख़ुशी देखकर…, ये दिल बदलता जता हैं…,
ढलता सूरज.., निकलता चांद.., अब वक़्त बढ़ाते जाता हैं….।।
कभी कानो मै सुनती खिलखिलाहट..,
अपनों के मुस्कान की…।
कभी होते रहते अक्श बार …, अश्कों की बरसात की।।
कभी चुप होकर थोड़ा रो कर , फिर मुस्काए जाते है.
ढलता सूरज.., निकलता चांद.., वक़्त बढ़ाते जाता हैं।
Mind blowing
Ek farmaish
Do raahe par khadi ladki jana kahin chahti hai aur family kahin le ja rahi ☺️☺️
Ek farmaish
Do rahe par khadi ladki jo jaana doosri raah par chahti but family kahin aur le ja rahi ☺️☺️