मोहब्बत.., हम्म.., मोहब्बत का जादू चला है यारो,
कोई ख़्याल दिल को बहला रहा हैं,
यूं तो मुश्किलें बहुत है राह में,
पर यकीन थोड़ा जीला सा रहा हैं।
कहने को दूरी दोनों में है,
दूरियों में वक़्त गुजरवा रहा हैं,
ख़्याल, ख़्वाब, यादों के साए में,
मोहब्बत मेरी बढ़ा रहा हैं,
निंदो पर उसका कब्ज़ा होना,
ख़्वाबों में भी वो, आ – जा रहा हैं।
आज दीदार कुछ करीब से किया था उनका,
भले ही मंज़र अभी तक ख्वाबों का ही रहा है,
पहली मुलाकात होने की ख़ुशी में,
ख़्वाबों में दिल शर्मा रहा है।
आए भी वो ख़्वाब में मिलने हमसे,
पर बहाने लोगो के कोई बना रहा है।
बार- बार ख़्याल आता, मेरा ये रूप,
मेरा ये रंग, ओर मेरी ये चाल- ढाल..,
पसन्द भी क्या उनको आ रहा है??
पहली मुलाकात हैं, दिल बेचैन..
हर पल दिल को धड़का रहा है।
नज़रे उठने लगी कुछ मेरी,
ख्वाबों में करीब से देखने को..,
पर दिल ये मेरा ही मुझको,
देखो केसे डरा रहा हैं..!
काली पहनी वो शर्ट देखो..,
दाढ़ी पे नूर आ रहा है,
चेहरा भी देखो उनका यारों,
रोशन सा होए जा रहा हैं।
चमक उठा था उनका चेहरा,
मेरा उनको पसन्द ना आने का,
झूठा बहाना बनाया जा रहा हैं।
छेड़ देते कभी वो आंखो से,
कभी पास आने को कहा जा रहा हैं।
कभी ख़्वाबों के, ख़्वाब में पूरा होने पर,
दिल दिल – ए- बाहर बनता जा रहा हैं।
कभी दिल ही दिल में, ख्वाबों के पूरा होने को,
कहा जा रहा हैं।
ए खुुुदा…! मोहब्बत का इम्तेहान अब ख़तम करदे..,
अब तो हर पल बस इन्तजार में गुजरता जा रहा हैं।।