ताविज बनाना है किसी के लिए…
किसी को नज़र से बचाना है…,
छुपाना है किसी को दुनियां से…,
किसी को दिल में बसाना है…!
छुपाकर उसको अलग नजरो से…
बस खुद का ही बनाना है..,
देखे जो कोई जी भर उसे…,
मार – कूट सबक सिखाना है…!
हां…! हैं मोहब्बत बस वो मेरी…,
उसी पर हक जमाना है..,
पर याद रहे ओरों को.., उस पर ना नजर उठाना हैं..!
जान बसती है जिसमें मेरी…,
हर अहसास उसी का करना है…,
और.., ये जलन- सी लगी जो दिल में..,
उसे एक पल में ही बुझाना है…!
रात भर ना सो पाए हैं…,
ना ख्याल सुकून भरा कोई आया है..,
दिल में जैसे गुस्सा हो…,
ओर गुस्से में ख़ुदको जलाया है…!
आशि़को की महफिलों में..,
आशिक हजारों मिल जायेगे..,
जाकर औरों पर ध्यान धरे..,
फिर भी ना आए सुकून जो तुमको ..,??
तो अब्बू को कहे ब्याह करे…!
सनकी- सी ये लड़की हैं..,
हाय तोबा तुम्हारी मचा देगी…,
क्यूं यार को देखते हो मेरे…,
ज़िन्दगी जहन्नम बना देगी..!
हां..! पहली धमकी में ही इज्जत तुम्हारी बचा रही हूं…,
एक पल में ही.., हर एक बात.., प्यार से समझा रही हूं…,
दूरी बनाएं रखो जी तुम.., अभी तो ये रुली है…,
और हां…! नज़रे झुकाए रखना.., अभी ये बहुत ज़रूरी है…!
गर.., ख़्याल ख़्वाब कोई आया हो उसका…,
दिल को अपने समझा लेना…,
अच्छे बच्चो की तरह..,
जान को जीजा कह देना…
जान को जीजा कह देना..!!