Respect your wirf/ love /bae Ahsas Boy's ego Couple understanding Lover poetry Sad love poetry

तू बन सूकुं किसी के लिए…

तू कहता है मैं हूं सहज….,

तू ख़ुदको थोड़ा सरल बना…,

तू कहता हैं मैं हूं कठोर…,

तू ख़ुदको थोड़ा कोमल बना…,

तू कहता हैं मैं निर्ड्रता से हर एक काम कर जाता हूं…,

तू कहता हैं अंधेरे मे भी बहादुर- सा भागा जाता हूं..,

तू कहता हैं मैं पैसे कमाकर.., राजा सा बन जाता हूं…,

तू कहता हैं बिन बात ही मैं खुद में जिए जाता हूं…,

तेरा ये ईगो., ये रंग- रूप सिर्फ तुझे ही भाता हैं..,

तुझे दूजा जाने क्यूं….??? पसंद नहीं आता है…,

तू करता आवाज ऊंची हैं…, बस लोगो। को दिखाने को..,

तू करता बाते लंबी है…,बस ख़ुदको बताने को..!

तू सुन ए साथी…! तू हैं बहुत – बेहतर…,

तू बेहतर से बेहतरीन बन…,

तू झुका के गर्दन को थोड़ा…..,

ईगो को आराम दें…,

तू करके आवाज नीची सी…,

अपनों को सम्मान दे…,

तू कर हिफाज़त …, गर हिम्मत हो..,

तू सब के लिए मिसाल बन…,

तू रख थोड़ा – सा लहज़ा भी…,

थोड़ा राहत का सामान बन….,

तू बन सुकुं किसी के लिए…,

किसी के दिल का नूर बन…,

तू करके चिराग़ खुद में ही…,

एक प्यारा – सा नूर भर…,

तू हैं सुंदर…, तन से जो…!

मन को भी तो साफ कर..,

तू छोड़ बूरी आदतों को…,

खुद मे एक बदलाव कर…,

तू है इंसान….., पर मर्द हैं…!

मर्द को ना मज़बूत जान तू…,

नरमी.., अख्लाक.., तहज़ीब.., अदायगी…,

इसी का तू जाम भर…,

तू दे सम्मान ओरो को भी…,

बिन ओरों के ना कुछ भी तू…,

तू दे मान अपनों को भी…,

ना यूं ख़ुदको बदनाम कर…,

तू है बहादुर विरो वाला…,

बहादुरी का सबूत दे…,

नज़रे झुका कर…, आवाज गिरा कर..,

खुद में एक बदलाव कर…,

आजा यारा.., तू भी दोस्त..,

नई ज़िंदगी का आगाज़ कर…

नई ज़िंदगी का आगाज़ कर….!!

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