मैं खेलूं, मैं कूदू , मैं खुशियां मनाऊ अपने घर में….,🥳
पर मुझे सुकून तेरे घर के आंगन में मिला…!🤗
मैं ढूंढ रही थी बचपन से जिन खुशियों को…,🤠
वो खुशियों का गुलिस्ता तेरे कांधे पे मिला….!😍
हजारों पल बिताए मैंने लोगों में…,😇
पर खुशी वाला पल मुझे “तेरे संग” मिला…!🥴🥳
हजारों ने लाखों सवाल पूछे मुझसे…,😱
पर मेरे हर सवाल का जवाब तू मिला….!🤩
कड़कती धूप में मीठी छांव से बनकर आया तू….,😎
मेरी दुखों में सूखों का साया बन तू मिला….!🥳🤠