अल्फजो – अल्फाजो में ..,
रिश्तों के धागे पिरोए- से जाते हैं..,
मै ओर तुम…., तुम से हम…,.
मोहब्बत की और बढ़ते जाते हैं..!!
तुम्हारा आना.., फिक्र जताना..,
फ़िक्र जताकर .., प्यार लुटाना..!
उफ्फ…! ये मोहब्बत भरी बातें…,
सब कुछ मिलते से जाते हैं…!!
बढ़ते- बढ़ते करीब तुम्हारे…,
और क़रीब होते जाते हैं….!
इन्तजार., इजहार..ओर वक़्त ये हमारा…,
पल – पल यूं हीं बिताते जाते है…!!
मोहब्बत के रिश्ते देखो यारा…!
और गहरे होते जाते हैं…!!
आज एक ख़्याल.., कल कुछ बात…,
परसो अहसास…, तरसो ख़्वाब बनते जाते हैं…!
हम क़रीब तुम्हारे….,
ओर क़रीब…,बस करीब बढ़ते- से जाते हैं…!!
कहता है दिल..,लगा के गले ..,
एक अहसास थोड़ा उसको भी दूं…!
थोड़ी मोहब्बत.., मैं भी लूं..,
थोड़ी उसको बांट दूं…!!
न- जानती कोनसा मोहब्ब्त का दिन..,
पल ये तुम्हारा – हमारा है..,
रूठना – मनाना चलता रहता..,
बस ये दिल अब तुम्हारा हैं…!!❣️