बेहतरीन शख़्स कोन होता है…?
इन सवालों के जवाब में खो गई.,
हकीकत को खोजते – खोजते..,
ख्यालों के मयार में पहुंच गई…!
ख्यालों में था एक बेहतरीन शख्स..
नर्मी जिसका इख्लाक था…,
मोहब्बत जिसका अंदाज़…,
ओर अदब जिसका मिज़ाज था..!
था वो ख्वाबों में मेरे…,
जैसी ताबीरें चाहतीं थी मैं..,
था वो मस्त मोहब्बत में..,
जैसी मोहब्बत का गुमान था…,
थी सलाहियत उसमे वो..,
के जलील ना लोगों में होने देता…,
थी वो तमिजदारी भी…,
के मजाक भी ना बनने देता…!
था वो बहादुर वीरो वाला…,
हया का पर्दा रखता था…!
हां..! वो ख्वाबों में मेरे…,
थोड़ी शर्माहत रखता था…,
किरदार उसका…, अदब उसका..,
बस उसी पे फिदा रही मैं यार…!
बातों से झलकती रूहानियत से ही तो..,
थोड़ी पर्दे – दार रही मैं यार…
वो शख्स जिसका लहज़ा..,
जिसका अंदाज़ निराला था…,
इल्म में था वो आला…!
अदब भी सबसे निराला था…,
लगा वो ख्वाबों में मेरे..,
बेहतरीन शख्स- सा ज़वाब वो..!
फिर जो खुली आंख मेरी…,
ख़्याल ये भी टूट गया…,
उफ्फ…, ये ख्वाबों का प्याला…,
फिर हक़ीक़त से रूठ गया..,
काश होता सब ख्वाबों जैसा…,
एक शख्स तलाश पाते हम..!
बेहतरीन शख्स की तलाश में..,
ना ख़ुदको यूं उलझाते हम..!
Osm lines ❤️
Bhut shukriya