Latest Updates

मेरी छोटी मेरा भाई

मैं क्या जानू के भाई कौन कहलाता है,

पर नाम आए जब भाई तो एक चेहरा याद आता है.. ।

जब गिरी चामुंडा से जो लड़की उसको जो बचाता है ,

जब पडे मश्किल तो हल जो निकलवाता है..,

जब लगे डांट पेट-भर तो आंसू जो पूछवाता है…,

जब चाहूं कोई चीज तो बिन मांगे समझ वो जाता है.,

जब रूठे मुझसे तो प्यार से “भईयया “वह कहलवाता है.,

जब मुझे सीढ़ियों से उठाया हुआ..,

और खुद को घर का मालिक कह कर जो चढ़ाता है…,

मेरे लिए तो बस वही मेरा भाई कहलाता है….!

दुनिया की रीत ना-जानू मैं ,दुनिया की प्रीत ना-जानू मैं..,

मेरे लिए तो मेरी छोटी ् भाई मेरा कहलाता है..,

जब दूर हो मुझसे तो वह भाई जरूर याद आता है.,

राखी बांधी मेरे वह, पर रक्षा वो निभाता है..,

गुस्सा कर-कर मुझसे वो प्यार इतना जताता है..,

कभी वह “पद्धधी ” कभी वह‌ “चोटी” मुझे खूब झूलाता है..,

मैं क्या जानू भाई क्या ???

मेरे लिए तो मेरी गुड्डो मेरा भाई कहलाता है..!

जब खाना बनने से पहले ही भूखा वह हो जाता है . ,

जब आधी रातों को जगाकर “मूडी” वह बनाता है..,

जब कपड़े ना धोने की शर्त में नहाने वह जाता है..,

मेरे लिए तो मेरा हीरो मेरा “समर” (गुड्डू)कहलाता है!!

8 Replies to “मेरी छोटी मेरा भाई

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.