मैं क्या जानू के भाई कौन कहलाता है,
पर नाम आए जब भाई तो एक चेहरा याद आता है.. ।
जब गिरी चामुंडा से जो लड़की उसको जो बचाता है ,
जब पडे मश्किल तो हल जो निकलवाता है..,
जब लगे डांट पेट-भर तो आंसू जो पूछवाता है…,
जब चाहूं कोई चीज तो बिन मांगे समझ वो जाता है.,
जब रूठे मुझसे तो प्यार से “भईयया “वह कहलवाता है.,
जब मुझे सीढ़ियों से उठाया हुआ..,
और खुद को घर का मालिक कह कर जो चढ़ाता है…,
मेरे लिए तो बस वही मेरा भाई कहलाता है….!
दुनिया की रीत ना-जानू मैं ,दुनिया की प्रीत ना-जानू मैं..,
मेरे लिए तो मेरी छोटी ् भाई मेरा कहलाता है..,
जब दूर हो मुझसे तो वह भाई जरूर याद आता है.,
राखी बांधी मेरे वह, पर रक्षा वो निभाता है..,
गुस्सा कर-कर मुझसे वो प्यार इतना जताता है..,
कभी वह “पद्धधी ” कभी वह “चोटी” मुझे खूब झूलाता है..,
मैं क्या जानू भाई क्या ???
मेरे लिए तो मेरी गुड्डो मेरा भाई कहलाता है..!
जब खाना बनने से पहले ही भूखा वह हो जाता है . ,
जब आधी रातों को जगाकर “मूडी” वह बनाता है..,
जब कपड़े ना धोने की शर्त में नहाने वह जाता है..,
मेरे लिए तो मेरा हीरो मेरा “समर” (गुड्डू)कहलाता है!!
Very nice yrr
Ty sir
very heart touching
Tyyy choti
Superb ( Guddu )
Ty sir
Adorable post
Ty Bhuuutttuuuu