Latest Updates

मैं रोती रही अंधेरे में 😔 / दर्द भरी कहानी / एक खामोशी

मैं रोती रही अंधेरे में…,

उसे मेरी फिक्र सताती रही..।

वो थे परेशान किसी और के साथ….,

मैं कहीं और रात बिताती रही….!

ना मर्जी उनकी चली ., ना कुछ मैं कह पाए...,

वह टूट गया था मेरे बिना.., ना मैं खुद को समेट पाई…!

ना मेरे.., ना उसके.., लबों से बातें भी कुछ निकल पाई…

आंखें करती रही काम अपना..,

यादें अश्कों में ताजा होती रही ..!

जिंदगी जुड़ी थी किसी और के साथ उसकी..,

मैं भी एक अनजान-सा रिश्ता निभाती रही..!

अपनों का सोच के हम चुप थे…..,

और जिंदगी हमें कुछ कहते रहे..!

वह चाहकर भी कुछ ना कह सका..,

मैं एक रात फिर वह गम सहती रही…..!

वो ख्वाब था ..,यह हकीकत है…,

वो राज़ था.., यह नसीहत है…!

दोनों दूर थे एक दूसरे से..,

पर हर बात दिल की समझते रहे.…।

वह खामोशी से कुछ कहता रहा..,

मैं जज्बात दिलों के समझती रही…!

वह रोता रहा अंधेरे में…,

मुझे उसकी फिक्र सताती रही …!

9 Replies to “मैं रोती रही अंधेरे में 😔 / दर्द भरी कहानी / एक खामोशी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.