मोहब्बत…! दिल का सुकून.., आंखों का नूर…,
कलेजे में कोई ठंडक सी होती हैं…,
मोहब्बत बीमार रूह की दवा- सी होती हैं..!!
मोहब्बत रूठे हुए को मनाएं…,
मोहब्बत ही दिलो में आस लगाए…!
मोहब्बत हर अहसास जगाएं..,
मोहब्बत ही हिम्मत बढ़ाए…!!
मोहब्बत में पड़ चूहा भी..,
शेर – सा बन जाता हैं…!
मोहब्बत संग रह दिल बच्चे – सा..,
एक पल में बड़ा बन जाता हैं…..!!
मोहब्बत बताए खूबी- खांमी…!
मोहब्बत ही मजबूत बनाती हैं…,
मोहब्बत निभाए टूटे दिलों को…,
मोहब्बत ही जीना सिखाती हैं…!!
मोहब्बत रुलाती…, मोहब्बत हंसाती…,
मोहब्बत ही रूहों को सुकूं दिलाती…!
तू जो रूठे आ मैं मनाऊं…,
में जो रूठूं आ तू मना लें…!!
थोड़ी मोहब्बत.., थोड़े जज़्बात…,
थोड़े से अहसास से…!
अंजाने दिलो में भी मोहब्बत ….!
जगह अपनी बनाती हैं..!!
मोहब्बत में खिलते मुरझाए फूल…,
मोहब्बत में खिले कलियां भी…!
मोहब्बत निभाए कच्चे रिश्ते..,
मोहब्बत में है मजबूती भी…!!
यकीन…., अहसास.., जज्बातों का…,
समुंद्र – सा बन जाता हैं…!
जब किसी- को.., किसी- से…,
मोहब्बत का अहसास हो जाता हैं….!!
मोहब्बत का अहसास हो जाता हैं….!!