गर जो होता अभी वो पास मेरे…,
उसका मैं दीदार करती…!
पकड़ के हाथ को उसके…,
हाथो में हाथो का जाम भरती….!!
रात-भर ख्वाबों की मालाओं में.., शामिल था वो मेरे..,
कभी करीब था मेरे.., कभी दूर जाने से डरती…!
कभी हसरतें किए जाती हूं…, उसके करीब होने की..,
कभी तड़प- सी जाती हूं…, एक मुलाक़ात होने की…!!
कभी जो दिल बागो- गुलज़ार होता..,
उसका तसव्वुर पा जाने को…!
कभी थम जाती सांसे…,
उसके करीब आने पर…!!
मोहब्बत- मोहब्बत ओर मोहब्बत में..,
खुद को गुमा बैठे हम….!
उस यार के प्यार को..,हर रिश्ता निभा बैठे हम…!!
जोगन.., प्रेमी .., पगली.., तक हर नाम लिए बैठे हैं….!
अब सुहागन होने की .. , ज़िद भी कर बैठे हैं…!!
जाने कब आएगी…, अरमानों वाली बारात…,
इन समीरो के साथ…!
अब अपनी हर निगाह.., रस्ते पे जमा बैठे है…!!
मैं मोहब्बत में खोती जाऊ…,
जैसे शरबत में चीनी कोई..!
अब हर मिठास को दिल में जमा बैठे हैं…!!
चुरा ले कोई हमें भी हमसे…,
अब बस हसरतें- इकरार लिए बैठे हैं…!
निकाह तो वो मंज़िल हैं..,
भटकते हुए मुसाफ़िर की…!!
मोहब्बत.., निकाह…, ओर तुम…,
बस ये दुआ कर बैठे हैं…!
आओ ले जाओ इस जहां से..,
संग अब तुम्हारे चलना हैं….!!
हां…., मैं बे – सब्री हूं….,
अब बस यही कहना हैं…!
ले जा सोणे…, जल्दी ले जा…,
अब ओर दूर ना रहना है…..!!
Wait for after some time ❤️❤️