खुश खुश से लगते है दुनिया को…,
गमो का कोई अहसास नहीं..,
हम रहते मस्त- मगन बन…,
जैसे कोई बात नहीं…!
हां…! चुभन सी रहती हैं दिलो में हमारे…,
पर कह सके ऐसे जज्बात नहीं…,
खामोशियों को पिरोया है धागे में हमने…,
सुनने वाले कोई कान नहीं…!
कहते है सब बहुत बोलते है हम…,
किसी को लबों की मुस्कुराहट दिखती हैं हमारी..,
गमों को जो दिखा दिया.., तो ये ओर कोई बात नही..!
रों ना दे कोई…! हाल हमारा जान कर…,
इसी वजह के सबब.., आंखों में नमी को छुपाए हैं…,
वरना हंस दे इस माहौल में…!
ऐसा भी वक़्त ना बिताया है….,
हां..! खुशी इस बात की है…, वक़्त बदलता रहता हैं…,
इस वक़्त ने ही तो हमको यारों…,
बस यूं हीं जिलाया है….,
चलते- चलते राह डगर में…, लड़खड़ा से जाते है…,
तुम हो करीब हमारे ही…, बस ख़्याल जिलाए जाता है…,
गर करीब होते तुम…, राह अंजान हो जाते हम…,
गिरते- छूपते.., डर जाते.., एक कदम ना बढ़ा पाते हम…,
जानते है…., हैं डगर थोड़ी – सी मुश्किल…!
पर ना – मुमकिन -सी तो बात नहीं….,
थक गए हो शायद तुम भी…,ये भी तो बात नहीं…!
चलो कदम कोई बढ़ाते हैं…, फिर सब्र को आजमाना हैं…,
हंसते- हंसते रहो यारो…, अभी तो खूब वक़्त बिताना है….!!