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सच्ची दोस्ती #मोहब्बत #मुस्कान

हां…! मैं ना-निभा सकी दोस्ती अपनी…,

पर उसने पूरी शिद्दत से मोहब्बत अपनी निभाई है…।

न जाने कितनी बार मेरे खातिर…,

उसने अपनी पलकें भीगाईं है…।।

जो हो ना जाए थोड़ी देर, काम में मुझको…,

मेरे हिस्से की डांट तक उसने खाई है….।

क्या-क्या कहूं उसके लिए…,

मेरी खातिर उसने अपनी हर खुशी गवांई है….।।

बचपन के वो खिलौने ही क्या ….,, ??जिनको खेलने का मौका मुझे ना मिलने पर.,

बस मुझे खुश रखने की खातिर अपनी खुशी भूलाई है….।

वह दिन भर की मजदूरी में 10 मिनट की खुशी..,

उसमें भी क्या चार चांद वो लगाई है…।।

10 मिनट के छोटे से पहले पल में… ,

पूरी जिंदगी वह जीलाई है….।

वह पलंग के नीचे छुपकर खेलने से लेकर …..,

मेरे साथ अंधेरी में रोने तक का सफर निभाई है…।।

क्या कहूं दोस्तों उसके लिए…, मैं तो ना-काबिल उसकी दोस्ती के….,

और वह हर मोड़ पर नजर मुझे आई है…।

बिन कहे ही जज्बातों को भली-भांति समझ वो पाई है..,

मेरे खातिर जाने उसने की कितनी लड़ाई है…।।

यारों…! यकीन करना शायद मेरी ही दोस्ती में कमी है.।

उसने तो हर कदम सच्ची दोस्ती निभाई है…।।

#जन्मदिन की शुभकामनाएं।।

#मुस्कान।।

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