क्या सोचा था ओर क्या हो गया..??
क्या पाया था ओर क्या खो गया..??
जिसका नाम था दिलो में..,
जिसका नाम लबों पे सजाया था…!
जिसको सोचते दिन- रात यारो…,
आज नाम ना उसका ले सकते है…!!
जिसके साथ बिताने ज़िन्दगी के…,
हर लम्हे हमने सजाए थे…!
जिसके साथ हर एक लम्हे को…,
खूबसूरत – सा बनाया था…!!
वो वक़्त.., वो बाते.., वो यादे उनकी…,
वो हाकिम ही बना देना उनको..!
और.., मोहब्बत में देखो यारो…,
ख़ुदको हमने झुकाया था…!!
बदलते वक़्त.., बदलते दौर….,
बदलते इस दिली – निज़ाम में…!
हर चीज ही भूलवाई है….,
देखो यारो याद उनकी किस तरह सताई है…!!
पहले होती घंटो बाते…,
घंटो में वक़्त गुजरता था….!
ख्वाहिशें रहती हजारों यारों…,
हजारों में दिल बहलता था…!!
आज तड़प गए एक आवाज़ को भी…,
आस तक ना कोई मिलती हैं…!
कैसे कहदूं मोहब्बत नहीं वो मेरी..,
दिल में आज भी धड़कती है…!!
और.., ना कहें कोई बे – वफा उसे…,
उसने मोहब्बत के कायदे निभाए हैं…!
हां.., शायद मजबूरियों में….,
वो हमे ही भुलाएं हैं…!!
पर इस दिल पे छुरिया चलाने को…,
ना कहे के पसन्द हैं और कोई…!
इस दिल को और जलाने को….,
ना कहे अब हाकिम ओर कोई…!!
टूट चुका दिल अन्दर से..,
टुकड़े ना चुभने दूंगा तुम्हे..!
आजाद हो तुम हर दर्द से….,
अब और ना रोने दूंगा तुम्हे..!!
आंसू मेरे…, दर्द मेरा ….,
जज़्बात भी अब मेरे होंगे..!
आजाद किया तुम्हे हर दिल कैद से…,
तकलीफ पे हक सिर्फ मेरा होगा…!!
Kya baat he bhati g
Apki post eak se badhkar eak hoti he..
Ty bestiiii