बाबा.. ओह मेरे बाबा..,
आप तो मेरे साथी हो,
मेरे सुख- दुःख, भागीदारी के,
हर चीज के आदी हो,
बाबा.., ओह मेरे बाबा..,
आप तो मेरे साथी हो…!
बाबा, गर गलती हो कोई मुझसे,
माफी भी तब कर देना..,
अपनी रानी बेटी को..,
बाहों में छुपा लेना..,
बाबा.., ओह मेरे बाबा..,
प्यार से पास बुला लेना….!
अल्फ़ाज़, जज़्बात, कहूं क्या साथी,
सबसे तो तुम वाक़िफ हो..,
दिल ये डरने लगा है साथी,
हिम्मत मेरी बढ़ा देना…,
बाबा.., ओह मेरे बाबा…,
थोड़ा साथ निभा देना…!
दुनिया की फ़िक्र नहीं है साथी..,
ना लोगों की कुछ चिंता है,
बाबा.., ओह मेरे साथी..,
ख्यालों में दिन बीतता है..!
कहना चाहती बहुत कुछ साथी,
कभी करीब कुछ मेरे बैठ,
सुन ए साथी..! ये गुडिया तेरी,
बहुत सहमी हुई- सी है,
अंदर ही अंदर, घुट घुट कर,
कितनी डरी हुई-सी हैं!
ख़्याल रखो तुम अपना यार,
फ़िक्र हर पल सताती हैं,
बाबा नहीं, साथी हो मेरे,
खोने से दिल को डराती है..!
बाबा.., ओह मेरे साथी..!
बे- फ़िक्र थोड़ा रहो ना यार,
दिल दुखेगे ना मेरी जानिब से कभी,
हमेशा खुश रहो ना यार..,
बाबा ओह मेरे साथी..,
मुश्किल अपनी बताया करों,
हर चीज दिल में रखकर,
ना दिल को अपने डराया करो,
ना दिल को अपने डराया करो..!!