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मेरी मोहब्बत…#दर्द #खुशी #एहसास #कैसे छोड़ दूं #सुकून

हां वह मेरे गीतों में….. बातों में…. लफ्जों में…जज्बातों में….. मेरी ग़ज़लों में है….,

क्या लगता है…, भूला दिया है उसको…???

लोगों के लिए जाने क्यों उसकी बिछड़ी मोहब्बत…..,

एक पल बनकर रह जाती है…।

मेरे तो हर आज में.. हर कल में……, हर पल में हैं वो...।

ताज्जुब से ना देखो…! ए दुनिया-दारो मुझे…..।,

कैसे कह दूं…, छोड़ दिया है उसे…..??

अरे आज भी हर फरियाद में साथ…, है वो मेरे….!

एक झलक उसके दीदार की.., आंखों के सामने जो आती हैं…,

बरसों बाद भी आज वह.., पहली-सी मोहब्बत लगती है..।

हां….! हम खुश होते हैं.., उनकी यादों से….!

हम बातें करते हैं….,उनकी बातों से…!

हम देखते रहते हैं.., अपने दिल के आईने में अक्श उनका…!

हम सुकून पाते हैं…, उनका हमारे होने के एहसास से….!

हम तड़प जाते हैं…, उनकी कभी याद आने पर…!

हम मचल जाते हैं…, मुस्कुराहट के तस्व्वूर हो जाने से…!

हां….! इस खुशी में…, और खुशी में….,! बस खुशी में ही रह जाते हैं…!

उनका दीदार पाते ही….., हम यादों में बहक जाते हैं…!

एक तस्व्वूर सा बंध जाता है…, उनके करीब होने का…!

उनके हर एहसास को…., हम अपने अंदर पाते हैं…!

यह दिल जाने क्यों मोहब्बत…..? और भी बढ़ाते जाते है..।

मोहब्बत भरी तन्हाई में…, हम नए-से आशिक बन जाते हैं..।

2 Replies to “मेरी मोहब्बत…#दर्द #खुशी #एहसास #कैसे छोड़ दूं #सुकून

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