क्या सोचा था ओर क्या हो गया..?? क्या पाया था ओर क्या खो गया..?? जिसका नाम था दिलो में.., जिसका नाम लबों पे सजाया था…! जिसको सोचते दिन- रात यारो…, आज नाम ना उसका ले सकते है…!! जिसके साथ बिताने ज़िन्दगी के…, हर लम्हे हमने सजाए थे…! जिसके साथ हर एक लम्हे को…, खूबसूरत – […]
हम तो हंस- हंस कर ही ज़वाब देते हैं अक्सर….! जाने क्यूं लोग आंखों में छूपी नमी को ढूंढ़ते हैं….!!
शिद्दत- ए- गम हद से बढ़ता ही जा रहा हैं…, ख़ुशी की उम्मीद में .., आंखों का पानी बढ़ता जा रहा हैं..! कोई रोक ले…, इस बहते अक्श के दरिया को…, अब दिल का दर्द म्रज बनता ही जा रहा हैं…! मरीज़ हुए भी तो अपनों के हाथों…, अपनों के लिए अब झूठे हंसते है […]