Zindagi rail🚆 ki manind hoti ja rhi hai.,Badhti hui rail.🚆.,ghatati hui patri🛤️ hoti ja rhi hai… Kbhi dikhta nya manzar.,🎇kbhi ojhal hota samà…🎴 Ye chuk-chuk rail ki si..,🚆Waqt gujarte ja rhi hai…..⏳ Zindgi rail ki manind..,🚆Gujarti si ja rhi haiii….🛤️ Ye safar-e-zindgi jane kaha khatam hoga..,👵👴Badhti rail, 🚆ghati patri,🛤️ek moad nye le ja rhi h..🧭 […]
हां.., आज हम पास नहीं.., फिर भी कोई डर नहीं..! जाने क्यू आज फिर ये दिल…, यकीं करने को कहता है..!! उड़ जाऊं आसमां में …, हवाओं के संग…! ये दिल.., फिर जीने को कहता हैं..!! हां…, नहीं हैं डर दिल में कोई…, ना नमी हैं अब आंखो मै…! जाने क्यूं…? ये उम्मीदें…, टूटने की […]
फोन आया जब उनका मेरे…., कानों में एक आवाज़ घुली.., धड़कने बिलखी…,सांसे रुकी.., एक ख़ुशी सी दिल मै भर गई थी..! फिर देखा आस – पास जो…, कुछ ख़्याल हमें आया…,। जानते हुए भी अच्छी तरह से…, अंजान होने का बहाना बनाया…! वो पूछते रहे…, भूल भी गए क्या..? उनको क्या ख़बर.., एक हैलो में […]