सिल रहे थे, जोड़ा आज हम.., लोगों को खुशियों सा लगा.., रंग था उसका गहरा लाल…, जाने क्यूं ये कफ़न सा लगा..! थी उसमें खूबसूरत कढ़ाई.., जाने क्यूं.., सफेदी नजर आईं..? हुई सिलाई उसकी जो…, सिल- सिल आगे बढ़ता था…! ख्याल आता…! ये बिन सिला है सुंदर.., सुना था.., कफ़न तो यारों.., बिन सिला ही […]
Intzar
कैसे तुझको याद किया | यादें #मोहब्बत #सुकून
आज बड़े अरसे बाद.. तेरी तस्वीर को चुपके से.. छुपाकर निकाला.., पहले देखी हल्की सी झलक…, फिर कुछ दिल को संभाला…, फिर नज़रे चुराते लोगो से.., इधर उधर नज़र डाला…, फिर धीरे से रोशनी बढ़ाई फोन की.., ओर, तस्वीर को तेरी देख डाला.., जाने कैसे देखते ही…, ख़ामोशी सी तारी हुई.., ना चाहते हुए भी […]
ख़ामोश ज़िन्दगी…
जाने क्यूं..? पर ख़ामोश सी…, कर दी है.., हमने ज़िन्दगी…, ना चहल पहल किसी के होने की…, ना दर्द तकलीफ किसी को खोने की.., बस ख़ामोशी से सब बिताना है…, ना आंसू कोई बहाना हैं…, ना खुशियां कोई मनाना है…, बस इस ज़िन्दगी को.. वक़्त की तरह बिताना है…., कभी पूछे जो कोई.., हमसे यारों.., […]
आखरी वक़्त हैं मेरे मौला।
आखरी घड़ी हैं मेरी मोला, शर्मसार ना मुझको करना तू, अपनी रहमत के साए में, सदा मेहफूज रखना तू, हैं तू जो साथ मेरे मोला, हर मुश्किल पार कर जाऊंगी, मौला में दुनियां में भी, मंजिल तक पहुंच जाऊंगी, हैं मुश्किल बड़ी बे – बाक, तूफानों ने भी घेरा हैं, बचा ले खुदा मुश्किलों से […]
आखिरत में मुलाक़ात होगी…!
वो शख्स जो मुझसे कहकर गया.., करदे हिसाब मेरा अब.., बिन मोहब्बत ना रहा जाता हैं.., तुम्हारी टूटी- फूटी मोहब्बत को.., अब ओर सहा ना जाता हैं…! कभी इस पल…, कभी उस पल.., हर घड़ी इन्तजार में रहता हूं.. दिन काटता…, रात काटता…, बस वक़्त काटते जाता हूं…! ना आती तुम मोहब्बत देने.. ना मोहब्बत […]
हाकिम बदल गए…
क्या सोचा था ओर क्या हो गया..?? क्या पाया था ओर क्या खो गया..?? जिसका नाम था दिलो में.., जिसका नाम लबों पे सजाया था…! जिसको सोचते दिन- रात यारो…, आज नाम ना उसका ले सकते है…!! जिसके साथ बिताने ज़िन्दगी के…, हर लम्हे हमने सजाए थे…! जिसके साथ हर एक लम्हे को…, खूबसूरत – […]
मोहब्बत या अपने…??
कैसे कह दूं मोहब्बत की हूं बस…., एक मोहब्बत मेरे मां- बाप ने भी तो निभाई है.., ओर.., केसे कह दूं के वो कुछ नहीं मेरे लिए…., हर कदम मोहब्बत उसने भी निभाई हैं…! हां…! हूं मजबुर हालातों में.., ना इधर की जानिब जा सकूं…, ना उधर किसी को खो सकू…! और.., उसे छोड़ने का […]
डरता दिल…, चलता वक़्त…!
आंखों में नींद नहीं है आज.., शायद किसी का ख़्याल बार- बार सता रहा है.., इन्तजार में थकी आंखे…, बैठा दिल…, कोई डर-सा.., दिल को.., डरा रहा हैं….! रह- रह कर.., हर एक पल में…., बस उसी का ख़्याल सता सा रहा हैं…, दिल कहता हैं.., चली जाऊं दौड़ के.., एक पल भी ना गवाउं […]
डर किसी को खोने का #डर #अंधेरा #जुदाई
जाने क्यों एक अजीब-सा “डर” मुझे अब लगने लगा है.., मेरी मोहब्बत का… तेरे एहसास को… तेरी मोहब्बत का… मेरे एहसास को… खोने का डर….। जाने क्यों लगने लगा है… जैसे सब कुछ भूल से गए है हम…., जाने क्यों… लगने लगा है ….?? तेरा मुझसे.., मेरा तुझसे.., अब जुदा होने का डर बढ़ने है। […]