हाथो की मेहंदी हमारी..,खुशबू- सी बिखेरती है..!उस पर उनकी फरमाइशें….,हर दिल कहर बिखेरते हैं..!!हर बार सोचते मेहंदी लगाने…,देख- देख डिजाइन रह जाते है..!ये नहीं…, वो नहीं…, पसंद उनकी ढूंढ़ते हैं…!मेहंदी के इन खोजो में..,खोज- खोज रह जाते हैं…!!सूने हाथ.., बिन मेहंदी के..,बिन मेहंदी ही रह जाते हैं…!कभी दिखती दुल्हन डिजाइन..,कभी अरबी पसंद आती हैं…!!फिर याद […]