जुबीन,- रशीदा.., सुमेरा- हुमेरा..,😍
सदफ- शबीना ओर मेरा भाई आसिफ…!🤩
हम सब है बचपन के दोस्त…!!🤗
जाने कैसे रिश्ता था…,??🤔
मिलते थे हर रोज…!!❣️
नर्सरी से दसवीं तक साथ- साथ हम पढ़ते थे..!🥰
अपने बचपन का मजा कुछ तरह से उठाते थे..,😉
आए कोई परेशानी तो साथ खड़े हो जाते थे…,😎
एक की गलती होने पर भी..,मार हम मिलकर खाते थे…!!😎
हो जाए चाहे लंच बंद…,
या हो चाहे छुट्टी बंद…,🥴
हमको किसकी परवाह थी..??😅
खेल- खेल में भुक – प्यास सब भुला देते थे…!!🥳
एक दूजे के लिए खड़े जहां हो जाते थे…,😇
लंच बन्द होने ओर आलू- भुजिया रोज़ मंगवाते थे…!🍱
ढाई रुपए का समोसे का स्वाद वहां बढ़ाते थे…,🥪🌮
चाहें हो मैडम.., या हो सर.., पसंद सभी को आते थे..!!❣️
अपनी एकता के लिए स्कूल में जाने जाते थे..,🤗
मुझे वो कहते प्यार से ” भाटा”….,🤣
“कल्लू- पागल” आसिफ कहलाता था…!😜
“किल में टंगी किमली” कहकर शबीना को चिड़ाते थे…,😝
कभी “हसीना”.., कभी “सड़क” कहकर..,
सदफ को खूब सताते थे….!🤪
“सूट- पुट मारे छे” कहकर.., सुमेरा को भी चिड़ाते थे…,🥳
हुमेरा – रशीदा को बस यूं ही मना लेते थे…!!🤠
प्रिंसिपल को मोटी मैडम कहकर..,
पीछे से बुलाते थे..,😛
उनके आते ही हम सब शरीफ़ ही बन जाते थे…!!🤫
और.., हमारे हाफ़िज़ जी..! कसर ये पूरी करवाते थे…,🤭
बच्चो में बनकर बच्चे.., हमको खूब हसांते थे…!😝
तभी तो कहती हूं मैं भी..,😎
I.p.s. के दिन हमें आज भी याद आते हैं….!!🥺🤗❣️🌹
(A beautiful memories of school days..,no body want to lost her sweet memories…!, I really wish again enjoy my school days…,tnx to all of you gyuss for giving best memories 🌹❣️)